how meditation helps: ध्यान से क्या होता हैं ??

POWER OF MIND, BODY & SOUL

6/3/2023

woman praying
woman praying

सबसे पहले हमें यह समझना चाहिए कि हमारा जीवन तीन तत्वों का संयोजन है, मन, शरीर और आत्मा, तीनों कि अपनी आवृत्तियाँ और कंपन है, आत्मा अनंत ऊर्जा का सार्वभौमिक स्रोत हैं I

आत्मा ऊर्जा का शुद्ध स्रोत है, प्रेम, पवित्रता और असीमित शांति इसके दिव्य गुण हैं I

लेकिन मन प्रिज्म की तरह है, आत्मा के शुद्ध प्रकाश को, मन स्पेक्ट्रम के सात रंगों में विभाजित कर देता हैं I

जब मन शुद्ध होता है, तो सभी सात रंग शुद्ध और चमकीले होंगे, यही सात रंग, हमारे सूक्ष्म शरीर में हमारे सात चक्र है, यह शुद्ध स्पेक्ट्रम बनाते हैं, VIBGYOR

लेकिन मन की शुद्धता सबसे दुर्लभ है, मन को शुद्ध करने के लिए ही दुनिया भर की सभी ध्यान की विधियां बनी हैं I

तो हमारे मन (प्रिज्म) में बुरे विचारों, बुरी भावनाओं की धूल होती है, जब धूल भरे मन (प्रिज्म) से आत्मा का शुद्ध प्रकाश गुजरता है, तो स्पेक्ट्रम का रंग ठीक से नहीं बनता हैं I

हमारा शरीर एक पर्दे(screen) की भांति कार्य करता है, किस प्रकार का स्पेक्ट्रम, मन रूपी प्रिज्म से शरीर पर प्रतिबिंबित होता है, जब स्पेक्ट्रम शुद्ध होगा, मतलब मन भी आत्मा की तरह शुद्ध है तो, शरीर भी स्वस्थ, सुखी और सुंदर होगा। दूसरी ओर स्पेक्ट्रम बहुरंगी, गहरा(काला) और हल्का रंग का है तो, शरीर अस्वस्थ और दुखी होगा।

ध्यान हमारे मन (प्रिज्म) की सभी प्रकार की धूल (बुरी भावनाओं, बुरे विचारों) को साफ कर देता है, ताकि शुद्ध स्पेक्ट्रम शरीर पर प्रतिबिंबित हो, इसे ही शरीर और मन का वैलनेस कहा जाता हैं I

आत्मा = शुद्ध प्रकाश का स्रोत

मन = प्रिज्म (साफ प्रिज्म = स्वच्छ मन, धूल भरा प्रिज्म = भ्रमित मन)

शरीर = स्क्रीन या पर्दा

जब मन आनंदित होगा, प्रसन्न होगा, प्रेम से भरा होगा, शांत होगा तो शरीर भी तंदुरूस्ती से भरा होगा।

ध्यान मन की धूल को साफ करने की प्रक्रिया है, जैसे-जैसे ध्यान को गहराई से किया जाता है तो धीरे-धीरे मन, शरीर और आत्मा तीनों में समान वाइब्रेशन होने लग जाते है,इसे ही हाई वाइब्रेशन कहा जाता हैं I

ध्यान की शुरुआत एक अच्छे प्रशिक्षक और सही ध्यान की विधि के द्वारा करें और जीवन में नए आनंद और अनंत शांति का अनुभव करें I