health and Happiness: अच्छी भावनाओं से अच्छी सेहत का राज- Cell Happiness

HAPPY HEALTH

6/6/2023

four boy playing ball on green grass
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Health Miracle Secrets: अच्छी भावनाओं से अच्छी सेहत का राज- Cell Happiness

हम मनुष्य ईश्वर द्वारा बनाई गई सबसे अच्छी प्रतिकृति है जो अपनी इच्छा, विचार और भावनाओं से अपना जीवन पूर्ण रूप से स्वस्थ और आनंद से जी सकते है, पर देखने में आता है की परमात्मा ने जिस दिव्य आनंद के साथ मनुष्य की रचना करी, उस दिव्यानंद से मनुष्य दूर जाता जा रहा हैं I

कहते है,पहला सुख निरोगी काया यह हमारे ऋषि-मुनियों और ज्ञानियों ने अनंत समय पहले घोषणा कर दी,..... पर आज के नए युग के मानव को स्वस्थ जीवन जीने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही हैं I

इसका एक कारण तो यह है कि हमें हमारे जीवन संरचना के बारे में पूरी तरह मालूम नहीं है, अधिकांश लोग शरीर को एक केमिकल फैक्ट्री समझते हैं I

जबकि हमारा शरीर, हमारा मन और हमारी आत्मा इन तीनों को मिलकर हमारा ब्रह्मण्डीय अस्तित्व बनता हैं I

अगर हम सिर्फ शरीर पर काम करेंगे और मन और आत्मा का चिंतन नहीं करेंगे तो हम पूर्ण रूप से स्वस्थ और खुशहाल जीवन नहीं जी सकते हैं I

मूल रूप से हमारा शरीर, मन और आत्मा यह ऊर्जा स्वरूप है, और इस पूरे ब्रह्मांड को दिव्य ऊर्जा संचालित कर रही है वह शक्ति है, प्रेम की शक्ति, भावनाओं की शक्ति, हमारा शरीर, मन और आत्मा भी इस दिव्य ब्रह्मांड की प्रेम की शक्ति का एक हिस्सा हैं I

इसलिए अपनी भावनाओं को उच्च कोटि के प्रेम के सागर में डूबा के रखें, क्योंकि सिर्फ प्रेम से ही आदर्श स्वास्थ्य मिलता है, अगर आप नकारात्मक भावनाएं रखते है, डरते है, या बीमारी के बारे में बुरी भावनाएं रखते है, तो यह भावनाएं सूक्ष्म रूप से ऊर्जा स्वरूप है, यह हमें ठीक नहीं होने देती हैं I

इसके विपरीत हम अपने शरीर को प्रेम पूर्वक धन्यवाद दें, हर दिन अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिए धन्यवाद, क्योंकि कृतज्ञता ही सेहत की गारंटी है, तो हम चमत्कारिक रूप से एक शानदार स्वस्थ शरीर, प्रसन्न मन और आनंदमई आत्मा का अनुभव करेंगे I

इलाज करवाते समय भी यदि हम पूरे दिल से स्वस्थ होने की भावनाओं में ओतप्रोत रहते है, और कल्पनाओं में हम अपने आप को पूर्ण रूप से स्वस्थ और खुशहाल देखते है, तो शीघ्र ही हम वैसा खुशहाल और आनंद से भरपूर स्वास्थ्य को प्राप्त कर लेते हैं I

हमारी भावनाएं एक बहुत पावरफुल फ्रीक्वेंसी होती है, जो अपने आप में मैग्नेटिक पावर रखती है, यह वह हर चीज आकर्षित करती है जिसे हम कल्पना में देखते है, इसलिए मनचाहा अच्छा स्वास्थ्य प्राप्त करने के लिए हमें उस तरीके की फ्रीक्वेंसी या भावनाओं में रहना होगा, जो हमारे खुशहाल स्वास्थ्य को प्राप्त करने में हमारी मदद करें I

जैसे अगर हम अपना जांच करवा रहे है, या जांच की रिपोर्ट ले रहे है तो हमें अच्छा परिणाम पाने के लिए अच्छी भावनाओं की फ्रीक्वेंसी रखनी होगी इससे हमें हर संभव परिणाम मिल सकता है अच्छे परिणाम पाने के लिए हमें अच्छी भावनाओं की फ्रीक्वेंसी में रहना होगा I

हमें हमारे शरीर के प्रति दिव्य कृतज्ञता और अनकंडीशनल लव से भरना होगा, हमारे शरीर में हमारी सारी कोशिकाएं 24 घंटे, सप्ताह में सातों दिन काम करती है, यह हमारे लिए काम करती है हमारे स्वास्थ्य और खुशियां के लिए काम करती है............. सोचो हमें हमारी एक-एक कोशिका के प्रति कीतने कृतज्ञता के भाव से धन्यवाद देना चाहिए I

हमारी हर जीवंत कोशिका सिर्फ और सिर्फ हमसे प्रेम पूर्वक भावनाएं चाहती है,अगर हम अपने अच्छे विचार, अच्छी भावनाएं शरीर को और कोशिकाओं को देते है तो सभी कोशिकाएं हमें पूर्ण रूप से दिव्य स्वास्थ्य प्रदान करती है,अगर हम शरीर की कोशिकाओं के साथ प्रेम पूर्वक कृतज्ञता का भाव रखें तो हमारी बायोलॉजिकल एज रुक जाती है, बायोलॉजिकल एज का मतलब होता है कि हमारी कोशिकाओं की, हमारे शरीर की विज्ञान की दृष्टि से उम्र और जो हमारा वार्षिक उम्र होती है उसको क्रोनोलॉजिकल एज कहते हैं I

मित्रों, भावनाओं का शरीर पर असर पड़ना एक वैज्ञानिक प्रक्रिया भी है, हमारी सोच से, हमारी अच्छी या बुरी भावनाएं रूपी फ्रीक्वेंसी बनती है, जैसी भावनाएं होती है, उसी के आधार पर हमारे शरीर में हारमोंस बनते है और यह हारमोंस जब तक संतुलित मात्रा में रिलीज होते है, हमारा शरीर पूर्ण रूप से स्वस्थ होता है और यह संतुलित रूप से कब रिलीज होते है,जब हमारे शरीर की कोशिकाएं खुश होती है, जब हमारे शरीर की कोशिकाएं खुश नहीं होती है तो हमारे शरीर में हारमोंस कम या बहुत अधिक मात्रा में रिलीज होते है, यही हमारे विभिन्न रोगों का कारण बनते हैं I

इसलिए मित्रों हमें अपने शरीर से, हमारे शरीर की कोशिकाओं से, एक-एक अंग से बहुत ही प्रेम पूर्वक कृतज्ञता के भाव-स्पंदन में रहना चाहिए I

भोजन करते समय, भोजन को प्रणाम करने से और कृतज्ञता व्यक्त करने से, भोजन और भोजन में मौजूद पानी की पूरी फ्रीक्वेंसी पॉजिटिव हो जाती है, और यही भोजन अपनी अच्छी भावनाएं और अच्छे वाइब्रेशन को को एक-एक कोशिकाओं तक पहुंचा देता है, अच्छी भावनाओं से भोजन करने से हमें दवाइयां कम या नहीं लेनी पड़ती है,भोजन खुद ही हमारे शरीर की सभी कमियों को पूरी कर देता हैं I

यही है,अच्छी भावनाओं से अच्छी सेहत का राज

Happy Cell- Happy Tissue- Happy Organ- Happy Body- Happy Mind and Blissful Soul.